MSP full form in Hindi : एमएसपी क्या है? MSP Best Price List 2024-25 के लाभ

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MSP full form in Hindi: आप सभी लोग जानते हैं कि भारत के जो किसान होते हैं वह कितना मेहनत करके फसलों पर ध्यान देते हैं और अब आप लोग देख रहे होंगे कि भारत की राजधानी पर बहुत सारे किसान आकर आंदोलन कर रहे हैं तो आखिर इसकी वजह क्या है। इसकी वजह यह है कि जो भारत सरकार ने नए कानून बना है जिसमें एमएसपी को समाप्त किया जा रहा है का विरोध कर रहे हैं। लेकिन हमारी जो सरकार है उनका कहना है की इस नए कानून से MSP पर कोई भी फर्क नहीं पड़ने वाला है। तो आखिर ये MSP क्या होता है बहुत लोगो के मन में सवाल आरहा होगा।

आखिर क्यों किसान एमएसपी के लिए इतना आंदोलन कर रहे हैं तो आज हम यहां पर इससे संबंधित सभी जानकारी के बारे में जानने वाले की एमएसपी से क्या फायदे हैं और क्या नुकसान हर चीज के बारे में यहां पर हम आपको बताने वाले तो अगर यहां पर आप MSP full form in Hindi नहीं जानते तो उसके बारे में भी यहां पर हम आपको बताएंगे।

वैसे जो लोग किसान हैं उन लोगों को MSP full form in Hindi के बारे में जरूर पता होगा क्योंकि इससे ही उनकी फसल जो भी भेजते हैं वह निर्धारित की जाती है। तो यह उनके लिए काफी जरूरी है तो इसलिए उनको इसके बारे में पता होता है लेकिन जो लोग यहां पर नौकरियां कर रहे हैं या फिर जो बच्चे स्कूल में पढ़ रहे होते हैं। उनको इसके बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं होती है कि एमएसपी क्या होता है और इससे  हमें क्या फायदा होता है। तो अब यहाँ पर हम सभी चीज़ जानने वाले है।

MSP full form in Hindi

MSP क्या होता है – MSP full form in hindi

जब भी किसान अपनी फसल को बाजारों में बेचने के लिए जाता है तो वहां पर उसका मूल्य जो निर्धारित किया जाता है उसे ही हम एमएसपी कहते हैं। पहले के टाइम में जब भी कोई किसान फसल को भेजता था तो उसकी फसल के रेट कभी कम कभी ज्यादा हुआ करते थे। जिसकी वजह से किसान को नुकसान भी हुआ करता था और जो यह रुपए को निर्धारित करते थे वह बिचौलिया लोग होते थे।

किसानों से बिचौलिया वाले लोग कम दाम पर फसल को लेकर दूसरी जगह पर अच्छे दामों में बेच दिया करते थे जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ करता था और वह कुछ कर भी नहीं पाते थे। लेकिन आज के समय में सरकार ने एमएचपी बना रखा है जिसमें सभी फसलों के रेट निर्धारित पहले से ही कर दिए जाते हैं। जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है।

आप लोगों ने फिल्मों में भी देखा होगा कि जब किसान अपनी फसल को बेचने जाता था तो उसको कम दाम मिलते थे जिसकी वजह से बहुत सारे किसान आत्महत्या भी कर लिया करते थे। उस चीज को देखते हुए भी सरकार ने यह काफी अच्छा फैसला लिया है कि वो MSP जैसी चीज़ को यहाँ पर लाये जिससे सभी लोगो की दिक्कत भी खत्म हो गयी।

आज के समय में अगर कोई भी किसान अपनी फसल को बेचने के लिए बाजार जाता है तो वहां पर उसको अपनी फसल के दाम पहले से ही पता होते हैं। वह उसी दाम में उस फसल को किसी को भी भेज सकता है। अगर कोई भी उससे कम दाम में लेने के लिए दबाव भी डालता है तो आप पुलिस को भी बता सकते है। अब नीचे MSP full form in Hindi के बारे में जानते है।

MSP full form in hindi – एमएसपी फुल फॉर्म क्या होता है

तो ऊपर आप सभी लोगों ने एमएसपी के बारे में जानना है कि इसका क्या काम होता है और कैसे किसानों का इससे फायदा होता है अब आपको यहां पर हम यह बताने वाले हैं। कि MSP full form in Hindi क्या होता है बहुत सारे लोग इसी चीज की जानकरी के लिए यहां पर आए हैं। तो MSP का Full Form ” Minimum Support Price” है। इसको हिंदी में हम न्यूनतम समर्थन मूल्य भी कहते है जिससे आप समझ गए होंगे कि किसी भी फसल के रेट को सेट करना होता है।

किसानों में एमएसपी खत्म होने का डर

आप सभी लोग जानते हैं कि कुछ महीनों से सभी किसान अपने घर की सुख सुविधाओं को छोड़कर दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। तो आखिर इसकी वजह क्या है इसकी वजह सीधी है लोगों को लगता है कि सरकार एमएसपी को खत्म करने वाली है। लेकिन वहीं पर सरकार का कहना यह है कि हम एमएसपी को बिल्कुल भी खत्म नहीं कर रहे हैं और जो भी हमने कानून कृषि से संबंधित बना रहे हैं उससे एमएसपी पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।

लेकिन कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि कृषि मंडी में कारोबारी जो भी कारोबार करते थे तो उसका एक शुल्क देते थे लेकिन अब बहुत से कारोबारी बाहर से ही सारी खरीद करते हैं। जिसकी वजह से मंडी में कोई भी नहीं आ पा रहा है। जब वह बाहर से कारोबार करते हैं कोई भी खरीद करते हैं तो वहां पर उनको कोई भी अलग से शुल्क नहीं देना पड़ता है। तो इसकी वजह से बहुत लोगों को लगने लगा है कि मंडी अब खत्म होने वाली है तो अगर मंडी खत्म हो गई तो एमएसपी का भी मिलना बहुत मुश्किल हो सकता है।

एमएसपी कैलकुलेट करने वाला फार्मूला क्या है?

कीमत A1- शारीरिक श्रम + पशु श्रम + मशीनी लेबर + जमीनी राजस्व + अन्य कीमतें

कीमत A2- कीमत A1 + जमीन का किराया

पारिवारिक श्रम- परिवार के सदस्यों की मेहनत

कीमत C2- कीमत A1 + पारिवारिक श्रम + स्वामित्व वाली जमीन का किराया + स्थाई पूंजी पर ब्याज (जमीन छोड़कर)

एमएसपी की शुरुआत कब हुई – MSP full form in Hindi

ऊपर आप सभी लोगो ने जाना MSP full form in Hindi क्या है तो अब आप यहां पर जानते हैं कि एमएसपी की शुरुआत कब हुई थी कब यहां पर पहला एमएसपी घोषित किया गया था क्या आप यह सब जानते हैं बहुत से लोगों को इसके बारे में नहीं पता हुआ। क्योंकि यह काफी पुरानी बातें लेकिन हम आपको यहां पर बताते हैं कि 26 दिसंबर 1964 में एमएसपी को मंजूरी मिल गई थी लेकिन यहां पर इसको लागू नहीं किया गया था। MSP को अलगी साल से ही मतलब 1965 में ही लागू किया गया।

फिर यहां पर सबसे पहले गेहूं पर एमएसपी घोषित 1967 की गई थी। उसके बाद धीरे-धीरे हर साल एमएसपी की घोषणा होने लगी थी। इसी तरह से लोग MSP को निर्धारित किया जाने लगा।

MSP निर्धारित कौन करता है

आप सभी लोगों के मन में अब यह सवाल आ रहा होगा कि हमने यहां पर एमएसपी फुल फॉर्म इन हिंदी के बारे में जाना कि है क्या होता है कैसे काम करता है लेकिन जब कोई भी किसान किसी भी फसल को मार्केट में बेचने जाता है। तो उसका जो मूल्य निर्धारित किया जाता है वह कौन करता है तो यहां पर इसका मूल्य सरकार द्वारा CACP (Commission for Agriculture Cost and Prices) एजेंसी करती है। इसे अगर हम हिंदी में बात करें तो हम कृषि लागत एवं मूल्य आयोग भी कहते हैं।

CACP (Commission for Agriculture Cost and Prices) एजेंसी की शरुआत 1965 में हुई थी। वर्तमान में इस एजेंसी के जो अध्यक्ष होते हैं वह तीन औरतें समय से एक सरकारी तौर पर होता है। बाकी के दो गैर सरकारी होते हैं। इसका सबसे बड़ा सिर्फ एक ही काम होता है की ये सही पैसे को निर्थारित करे जिससे किसी को भी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े।

MSP Price List 2024-25

तो अब यहां पर हम आपको एमएसपी प्राइस लिस्ट बताने वाले हैं। कि यहां पर किस फसल का क्या रेड होता है यहां पर हम आपको बता दें कि पिछले चार-पांच साल को अगर हम देखते हैं। तो उसके मुकाबले में 2020 में एमएसपी प्राइस में काफी ज्यादा बड़ा है तब हम नीचे लिस्ट को देखते हैं।

S. NO.

Crops Name

Year – 2023-2024

1.

धान

1888

2.

गेहूं

1975

4.

ज्वार

2640

5.

बाजरा

2150

6.

मक्का

1850

7.

रागी

3295

8.

अरहर

6000

9.

मूंग

7196

10.

उड़द

6000

11.

कॉटन

5825

12.

मूंगफली

5275

13.

सूरजमुखी के बीज

5885

14.

मसूर

5100

15.

जूट

4225

16.

जौ

1600

एमएसपी का कैसे निर्धारित किया जाता है

  1. भारत के सभी राज्यों में किस प्रकार की फसल हो रही है इसको देखा जाता है साथ में यह फसल किस जगह में होती है और यह कितने हेक्टेयर में हो जाती है इसके अनुसार एमएसपी का निर्धारण होता है।
  2. फसल की कुल कीमत को देखा जाता है और बाजार में क्या रेट चल रह है उसको भी देखते है।
  3. देश की जनसंख्या के प्रत्येक परिवार की खपत के अनुसार भी हम यहां पर एमएसपी को निर्धारित करते हैं।
  4. फसल पर जो भी खर्चा होता है उसको भी देखा जाता है।
  5. बाजार में अभी किस चीज की सबसे ज्यादा मांग है और किस चीज की सबसे ज्यादा कम मांग है उस चीज को भी देखा जाता है।
  6. सरकारी भंडार में अभी कितना जगह खाली है उसको भी देखा जाता है।

कौन सी फसलों पर एमएसपी दिया जाता है?

आप सभी लोगों को हम बता दें कि भारत में सभी फसलों पर एमएसपी का निर्धारण नहीं है। तो यहां पर सिर्फ अभी 22 फसलों पर ही एमएसपी का निर्धारण किया गया है। जिसमें 14 खरीफ फसलें,6 रबी फसलें, 2 वाणिज्यिक फसल है। तो हम नीचे जानते हैं कि वह कौन-कौन सी फसलें हैं जिन पर एमएसपी लगा हुआ है।

  1. गेहूं
  2. धान
  3. बाजरा
  4. जौ
  5. रागी
  6. ज्वाररागी
  7. मक्का
  8. अरहर
  9. चना
  10. उड़द
  11. कॉटन
  12. मूंग
  13. मसूर
  14. सरसों
  15. मूंगफली
  16. सोयाबीन
  17. तोरिया
  18. तिल
  19. केसर बीज
  20. सूरजमुखी
  21. रामतिल

नए कृषि कानूनों का क्या संबंध एमएसपी से है?

आज के टाइम में आप लोग देख ही रहे होंगे कि किसान कितना ज्यादा आंदोलन कर रहे हैं लोग अपने घर को छोड़कर दिल्ली के बॉर्डर पर बैठ रहे हैं। तो इससे क्या सही में एमएसपी खत्म होने वाली है क्या आप यह जाना चाहिए क्या यह जो नया कानून बना है। इससे एमएसपी पर कुछ फर्क पड़ेगा इसके बारे में अब हम जान लेते हैं।

तो यहां पर मेरा जवाब है बिल्कुल नहीं यहां पर जो भी नया कानून बना है उसमें एमएसपी का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है कि हम उसको हटाने वाले हैं और यह भारत की आजादी से यह कानून चला आ रहा है। एमएसपी का और यह आगे भी चलता रहेगा तो आपको बिल्कुल भी दिक्कत नहीं लेनी है।

तीन नए कृषि के कानून बिल क्या है

यहां पर केंद्र सरकार ने जो पहला कृषि बिल पास किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि किसान अपनी फसल को कहीं पर भी भेज सकता है। यहां पर उससे किसी भी प्रकार का पैसा नहीं लिया जाएगा अगर वह किसी दूसरे क्षेत्र में अपनी फसल को बेचना चाहता है। तो अब बेचना सब किस किसान के ऊपर निर्भर है की वह किस जगह अपनी फसल को बेचता है। जो यहां पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। वह एक राज्य से दूसरे राज्य में कारोबार को बढ़ाने पर फोकस किया गया है।

दूसरे कृषि बिल में सरकार ने करआरो का राष्ट्रीय रूप दिया है इस बिल के जरिए किसान पैदावारों की बिक्री, थोक विक्रेताओं,कृषि बिजनेस फर्मों, प्रोसेसर्स,  फार्म सर्विसेज़ exports के साथ फार्मर को जोड़ने के मजबूत कर रही है। आपका जो भी फोर्ड ट्रैक्टर होगा वह आपको अच्छे बीजों को दें और आप को तकनीकी सहायता भी दे और फसल बीमा सहूलत मुहैया करवाये।

तीसरे कृषि बिल में दाल ,अनाज, आलू-प्‍याज,खाने वाला तेल को जरुरी वस्तुओं की लिस्ट से हटाने का रूल है।इसमें सरकार का मानना है कि अगर हम यह करते हैं तो इससे किसानों को सही कीमत मिल सकेगी क्योंकि बाजार में मुकाबला भी बढ़ने लगेगा।

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Conclusion

यहां पर दोस्तों आप सभी लोगों ने जाना MSP full form in Hindi क्या होती है यहां पर एम एस पी का जो मतलब होता है वह क्या होता है। आप सभी लोग जानते हैं कि यहां पर भारत देश में किसान कितनी ज्यादा मेहनत करता है लेकिन उसको सही पैसा नहीं मिल पाता है जो भी वह फसल करता है जब वह उसको बाजार में बैठता है तो उसको हमेशा ही कम कीमत मिलती है जिससे उसका गुजारा भी नहीं हो पाता है।

जबसे एमएसपी भारत में आया है तब से यहां पर किसानों को थोड़ा बहुत फायदा हुआ है लेकिन अब यहां पर किसानों को डर लग रहा है कि जो भी नए कानून कृषि से संबंधित बन रहे हैं। उससे उनको नुकसान हो सकता है कुछ लोग इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं और वह इसका विरोध भी करते हैं। लेकिन सरकार हमेशा किसानों का ही समर्थन करती है क्योंकि उन्हें पता है कि किसान से ही हमारा पूरा भारत देश चलता है।

तो यहां पर हमने आपको एमएससी से संबंधित हर जानकारी दी है कि यह कैसे काम करती है और से किसानों को कितना ज्यादा फायदा होता है अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।